क्या आप प्रतिबंधित चीनी लहसुन का सेवन कर रहे हैं? यहां जानें इसे स्थानीय फसल से अलग कैसे करें
लहसुन कई रसोइयों में एक महत्वपूर्ण सामग्री है। जबकि भारतीय लहसुन आमतौर पर उपयोग किया जाता है, चीनी लहसुन, जो वर्तमान में भारत में प्रतिबंधित है, कम प्रसिद्ध है। लहसुन खरीदते समय यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद मिल रहा है, इसे ध्यान से जांचना जरूरी है।
2014 में प्रतिबंध के बाद, चीनी लहसुन एक बार फिर भारतीय बाजार में आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात के राजकोट में व्यापारियों ने एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया, जब गोंडल कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) में चीनी लहसुन की कई बोरियां पाई गईं।
चीनी लहसुन आकार और सुगंध में अलग बताया जाता है और यह स्थानीय फसल की तुलना में सस्ता होता है, जिससे इसे "तस्करों और एजेंटों के लिए लाभदायक" माना जाता है।
चीनी लहसुन क्या है?
चीनी लहसुन, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, लहसुन की एक किस्म है जो ज्यादातर चीन में उगाई जाती है और दुनिया भर के कई देशों में निर्यात की जाती है। इसमें आमतौर पर छोटे बल्ब होते हैं जिनका रंग सफेद से गुलाबी तक होता है। चीनी लहसुन का उपयोग अक्सर नूडल्स, स्टर-फ्राई और सूप जैसे चीनी और एशियाई व्यंजनों में किया जाता है। हालांकि इसका व्यापक उपयोग है, भारत में चीनी लहसुन पर कड़ी जांच और प्रतिबंध लगाए गए हैं।
भारत में चीनी लहसुन प्रतिबंधित क्यों है?
• कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग:
चीनी लहसुन अपने उत्पादन के दौरान भारी मात्रा में कीटनाशकों और रसायनों के उपयोग के लिए जाना जाता है। ये रसायन उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। भारतीय लहसुन की तुलना में इसमें कम रसायन और उर्वरक उपयोग होता है, और यह प्राकृतिक खेती पर केंद्रित होता है।
• खराब गुणवत्ता:
चीनी लहसुन अक्सर भारत के गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करता है। कुछ मामलों में, इसमें हानिकारक रसायन या सिंथेटिक सामग्री पाई जाती हैं।
• आर्थिक प्रभाव:
भारतीय लहसुन की तुलना में चीनी लहसुन की कम कीमतें स्थानीय किसानों के लिए बड़ी चुनौती पेश करती हैं। सस्ते चीनी लहसुन की एंट्री से भारतीय किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है। भारतीय किसानों के हितों और उपभोक्ता सुरक्षा की रक्षा के लिए सरकार ने चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगाया है।
भारतीय और चीनी लहसुन में अंतर
• भौतिक स्वरूप:
चीनी लहसुन आकार में छोटा होता है और इसका रंग चमकीला सफेद या गुलाबी हो सकता है। वहीं, भारतीय लहसुन बड़ा होता है और इसका छिलका सफेद, गुलाबी से लेकर हल्के भूरे रंग तक हो सकता है। यह अंतर अलग-अलग खेती के तरीकों और पर्यावरण को दर्शाता है।
• स्वाद और सुगंध:
भारतीय लहसुन अपनी तीव्र गंध और मजबूत स्वाद के लिए प्रसिद्ध है, जो भारतीय व्यंजनों में बहुत लोकप्रिय है। दूसरी ओर, चीनी लहसुन की सुगंध और स्वाद हल्के होते हैं, जो कुछ व्यंजनों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते।
• खेती के तरीके:
भारतीय लहसुन पारंपरिक तरीकों से उगाया जाता है, जिसमें प्राकृतिक खेती और न्यूनतम रसायनों का उपयोग होता है। यह उत्पाद को अधिक जैविक और स्वास्थ्यप्रद बनाता है। इसके विपरीत, चीनी लहसुन अक्सर आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करके उगाया जाता है, जिसमें कीटनाशकों और रसायनों का भारी उपयोग होता है, जिससे इसकी सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ती हैं।
सौजन्य: News18